नवजात शिशुओं को कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं. इनमें से ही एक है . ये नवजात शिशुओं में पाए जाते हैं, इसलिए माता-पिता को इनके लक्षण पहचानने चाहिए. यह स्पॉट, ज्यादातर पीठ के निचले हिस्से या रीढ़ के आसपास नजर आते हैं. इनके होने से बच्चे को कोई दर्द नहीं होता है, बस दाग दिखते हैं. इन्हें मंगोलियन स्पॉट कहा जाता है, क्योंकि ये मंगोलियाई और एशियाई बच्चों में ज्यादा पाए जाते हैं.आज हम आपको मंगोलियन स्पॉट के लक्षण, कारण और इलाज.
ये स्पॉट नीले-काले रंग के होते हैं. शिशु के जन्म के समय निशान नजर आता हैं. 99 % मामलों में ये निशान फ्लैट होते हैं. इनसे कोई दर्ज नहीं होता. ये निशान हल्के नीले-काले के अलावा ग्रे रंग के हो सकते हैं.

मंगोलियन स्पॉट को डर्मल मेलेनोसाइटस भी कहते हैं, जो स्किन में पाया जाने वाला एक तत्व है. जिन लोगों में यह कम मात्रा में होते हैं, उनकी स्किन टोन फेयर होती है. जिन लोगों में इनकी मात्रा ज्यादा होती है, उनकी स्किन टोन डार्क होती है. नवजात शिशुओं में, मेलेनोसाइटस बहुत ज्यादा जमा हो जाता है जिससे नीले-काले पैच नजर आते हैं. इन्हें छूने पर दर्द नहीं होता. मंगोलियन स्पॉट, शरीर के किसी भी अंग के मुकाबले हिप्स पर ज्यादा देखने को मिलते हैं, इसलिए इन्हें ब्लू बट भी कहते हैं.
मंगोलियन स्पॉट का कोई इलाज नहीं है, ये समय के साथ स्वत: ही खत्म हो जाते हैं. अगर, इनमें असामान्य लक्षण दिखें तो शिशुरोग विशेषज्ञ की सलाह लें. ये स्पॉट शिशु की पीठ, कंधे, हाथ और हिप्स पर हो सकते हैं. बढ़ती उम्र के साथ दाग भी चले जाते या और ज्यादा गहरे हो जाते हैं.