क्या आप भी चीजें इधर-उधर रखकर भूलने लगे हैं। अगर हां, तो ये आपकी कमजोर होती याददाश्त का एक संकेत हो सकता है। हमारी खराब लाइफस्टाइल का काफी हद तक असर हमारी याददाश्त पर भी होता है। शुरुआत में छोटी-छोटी बातें भूलनाआगे चलकर अल्जाइमर का रूप भी ले सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी उन आदतों को पहचानें, जो याददाश्त कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
नींद हमारे दिमाग को आराम देने और मेमरी को मजबूत करने का समय होता है। जब हम भरपूर नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता और याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए।तनाव हमारे शरीर में याददाश्त को प्रभावित करता है। इसका लेवल बढ़ने की वजह से याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए रोजाना योग, मेडिटेशन या डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकों से तनाव को कम करें।
संतुलित आहार नहीं लेने से दिमाग को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे याददाश्त कमजोर हो सकती है। दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसलिए डाइट में फल, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स जैसे पौष्टिक फूड्स को शामिल करें।शराब पीने और स्मोक करने से दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचता है और याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसलिए शराब पीने और धूम्रपान करने से बचना चाहिए।
दिमाग को नए कामों और चुनौतियों की जरूरत होती है। यह एक तरह की ब्रेन एक्सरसाइज होती है, लेकिन एक ही काम बार-बार करने से दिमाग सुस्त हो जाता है और याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए नई चीजें सीखने की कोशिश करें, जैसे कि एक नई भाषा सीखना या कोई नया शौक विकसित करना। एक साथ कई काम करने से फोकस बंट जाता है और किसी भी काम पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाता। इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि एक समय में एक ही काम पर ध्यान दें।